डॉ. रेखा शर्मा द्वारा रचित “वर्तमान समय का दर्द” काव्य संकलन उनकी हिंदी-उर्दू मिश्रित बोलचाल की भाषा में रचित अनगढ़ कविताओं का संकलन है।ये उर्दू गजल से प्रभावित गीतिकाएं हैं जिनमें अपने आसपास का परिवेश मुखर है । संकलन में छोटे-छोटे बिंदुओं पर रची गई कविताएं घर -परिवार से लेकर समाज और राष्ट्र तक की खोज खबर लेती हैं । इन कविताओं में अतृप्त प्रेम की व्याप्ति आद्यंत दिखाई देती है। अधिकांश रचनाओं के केंद्र में नारी विमर्श है। उनमें रिश्तों का खोखलापन, नारी जीवन के अभाव की पीड़ा, एकाकीपन, घुटन, संत्रास आदि के साथ-साथ हारी हुई नारी का अध्यात्म में सहज प्रवेश उसकी निराशा को वाणी देता है ।

Hindi Ki Shan Meri Pahchan Mera Swabhiman by Dr. Vijay Narayan Patil (Author)
₹350.00 Original price was: ₹350.00.₹300.00Current price is: ₹300.00.

Chandayan Chand Ke Par Chalo by Dinesh Varma (Author)
₹350.00 Original price was: ₹350.00.₹300.00Current price is: ₹300.00.
“Gram Gomla ka Itihas” has been added to your cart. View cart
Vartaman Samay ka Dard by Dr. Rekha Sharma ‘Raj’ (Author)
₹350.00 Original price was: ₹350.00.₹300.00Current price is: ₹300.00.
डॉ. रेखा शर्मा द्वारा रचित “वर्तमान समय का दर्द” काव्य संकलन उनकी हिंदी-उर्दू मिश्रित बोलचाल की भाषा में रचित अनगढ़ कविताओं का संकलन है।ये उर्दू गजल से प्रभावित गीतिकाएं हैं जिनमें अपने आसपास का परिवेश मुखर है । संकलन में छोटे-छोटे बिंदुओं पर रची गई कविताएं घर -परिवार से लेकर समाज और राष्ट्र तक की खोज खबर लेती हैं । इन कविताओं में अतृप्त प्रेम की व्याप्ति आद्यंत दिखाई देती है। अधिकांश रचनाओं के केंद्र में नारी विमर्श है। उनमें रिश्तों का खोखलापन, नारी जीवन के अभाव की पीड़ा, एकाकीपन, घुटन, संत्रास आदि के साथ-साथ हारी हुई नारी का अध्यात्म में सहज प्रवेश उसकी निराशा को वाणी देता है ।
19
People watching this product now!
Category: Literature & Fiction
Tags: Dr. Rekha Sharma 'Raj, Vartaman Samay ka Dard
Description
Reviews (0)
Rated 0 out of 5
0 reviews
Rated 5 out of 5
0
Rated 4 out of 5
0
Rated 3 out of 5
0
Rated 2 out of 5
0
Rated 1 out of 5
0
Be the first to review “Vartaman Samay ka Dard by Dr. Rekha Sharma ‘Raj’ (Author)” Cancel reply
Related products
Hastkundali (Astropalmistry) by Alok Mishra “Manmaoji” (Author)
Rated 0 out of 5
Jivasam
Rated 0 out of 5
DIRECTOR by Prafulla Prabhakar (Author)
Rated 0 out of 5
Jakhyam-E-Bewafai BY Praveen Tarar (Author)
Rated 0 out of 5
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.