मेरा यह प्रथम कहानी संग्रह “रंगोली रिश्तों की” मेरी प्रकाशित कहानियों में से चुनिंदा 21 कहानियों का संकलन है जो मेरे पति व बेटे के पहल व प्रयासों का प्रतिफल है. मेरी इक्कीस कहानियों का यह कहानी संग्रह “रंगोली रिश्तों की” कहानियों का संग्रह मात्र नहीं है, अपितु इसमें हर एक रिश्ते का अपना एक अलग व विशेष रंग है और उन सभी रंगों से मिल कर बनी है यह खूबसूरत रंगोली रिश्तों की, जिन्हें पढ़ते हुए पाठक भी इन रिश्तों के रंगों में रंग जाएं, डूब जाएं, खो जाएं व सराबोर हो जाएं ऐसा मेरा प्रयास रहा है. मेरे इस कहानी संग्रह का लक्ष्य केवल कोरी कल्पनाओं की उड़ान भरना नहीं हैं बल्कि सच्चाई के धरातल से उपजे कुछ चिंतनीय विषयों की ओर पाठकों का ध्यान केन्द्रित करना भी मेरा प्रयत्न है. सफलता के पीछे भागती आज की हमारी युवा पीढ़ी किस तरह से अपने घर, परिवार, दोस्तों व समाज से दूर होते जा रहे हैं इस तथ्य को मैंने अपनी कहानी “सफलता” के माध्यम से पाठकों के मध्य रखने का प्रयास किया है किन्तु इसमें मैं स्वयं कितनी सफल हो पाई हूं यह तो पाठक ही बता पाएंगे.


Rangoli Rishton Ki by Premlata Yadu (Author)
₹350.00 Original price was: ₹350.00.₹300.00Current price is: ₹300.00.
मेरा यह प्रथम कहानी संग्रह “रंगोली रिश्तों की” मेरी प्रकाशित कहानियों में से चुनिंदा 21 कहानियों का संकलन है जो मेरे पति व बेटे के पहल व प्रयासों का प्रतिफल है. मेरी इक्कीस कहानियों का यह कहानी संग्रह “रंगोली रिश्तों की” कहानियों का संग्रह मात्र नहीं है, अपितु इसमें हर एक रिश्ते का अपना एक अलग व विशेष रंग है और उन सभी रंगों से मिल कर बनी है यह खूबसूरत रंगोली रिश्तों की, जिन्हें पढ़ते हुए पाठक भी इन रिश्तों के रंगों में रंग जाएं, डूब जाएं, खो जाएं व सराबोर हो जाएं ऐसा मेरा प्रयास रहा है. मेरे इस कहानी संग्रह का लक्ष्य केवल कोरी कल्पनाओं की उड़ान भरना नहीं हैं बल्कि सच्चाई के धरातल से उपजे कुछ चिंतनीय विषयों की ओर पाठकों का ध्यान केन्द्रित करना भी मेरा प्रयत्न है. सफलता के पीछे भागती आज की हमारी युवा पीढ़ी किस तरह से अपने घर, परिवार, दोस्तों व समाज से दूर होते जा रहे हैं इस तथ्य को मैंने अपनी कहानी “सफलता” के माध्यम से पाठकों के मध्य रखने का प्रयास किया है किन्तु इसमें मैं स्वयं कितनी सफल हो पाई हूं यह तो पाठक ही बता पाएंगे.
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