मेरी प्रथम एकल छन्द मुक्त काव्य पुस्तक “यादों के झुरमुट से” के प्रकाशन के उपरांत उसी कड़ी में यह दूसरी पुस्तक “कुकरमुत्ते” प्रस्तुत। गत कुछ वर्षों से अधिवार्षिता के पश्चात लेखन में रुचि बढ़ी जिसके फलस्वरूप ‘वागार्थ’-कोलकाता, ‘साहित्यनामा’-मुंबई, ‘प्रखर गूंज साहित्यनामा’ -दिल्ली, ‘हस्ताक्षर’-अहमदाबाद, ‘नव उदय’,भोपाल,’ मेघदूत’-पंजाब, ‘स्वर्णिम दर्पण’-लखनऊ आदि अनेकों हिंदी साहित्य के पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन। मेरी एक कविता “माँ तुम कहाँ हो” का मराठी अनुवाद और दूसरी कविता “शोध” का गुजराती अनुवाद भी छप चुका है। मै पूर्व में स्वर्णिम दर्पण में समीक्षक एवं वर्तमान में साहित्यनामा में एक स्तंभकार के रुप में जुड़ा हुआ हूँ। पुस्तक के कवर पेज के लिये तारा केशवानी जी धन्यवाद की पात्र हैं जो ट्रैकर के साथ चित्रकार और ब्लॉग लेखिका भी हैं। इस कृति के प्रकाशन में, साहित्यनामा के सम्पादक एवं नीलम प्रकाशन के प्रकाशक श्री दिनेश वर्मा जी का आपेक्षित सहयोग सराहनीय रहा है।


Kukurmutte by Subhash Chandra (Author)
₹300.00 Original price was: ₹300.00.₹250.00Current price is: ₹250.00.
मेरी प्रथम एकल छन्द मुक्त काव्य पुस्तक “यादों के झुरमुट से” के प्रकाशन के उपरांत उसी कड़ी में यह दूसरी पुस्तक “कुकरमुत्ते” प्रस्तुत। गत कुछ वर्षों से अधिवार्षिता के पश्चात लेखन में रुचि बढ़ी जिसके फलस्वरूप ‘वागार्थ’-कोलकाता, ‘साहित्यनामा’-मुंबई, ‘प्रखर गूंज साहित्यनामा’ -दिल्ली, ‘हस्ताक्षर’-अहमदाबाद, ‘नव उदय’,भोपाल,’ मेघदूत’-पंजाब, ‘स्वर्णिम दर्पण’-लखनऊ आदि अनेकों हिंदी साहित्य के पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन। मेरी एक कविता “माँ तुम कहाँ हो” का मराठी अनुवाद और दूसरी कविता “शोध” का गुजराती अनुवाद भी छप चुका है। मै पूर्व में स्वर्णिम दर्पण में समीक्षक एवं वर्तमान में साहित्यनामा में एक स्तंभकार के रुप में जुड़ा हुआ हूँ। पुस्तक के कवर पेज के लिये तारा केशवानी जी धन्यवाद की पात्र हैं जो ट्रैकर के साथ चित्रकार और ब्लॉग लेखिका भी हैं। इस कृति के प्रकाशन में, साहित्यनामा के सम्पादक एवं नीलम प्रकाशन के प्रकाशक श्री दिनेश वर्मा जी का आपेक्षित सहयोग सराहनीय रहा है।
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