लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्। कारुण्यरूपं करुणाकरंतं श्रीरामचंद्रं शरणं प्रपद्ये ॥ आज आह्लाद और प्रसन्नता को हृदय में प्रतिष्ठित कर आप सभी को अपना तृतीय कविता संग्रह ओस की बूँद समर्पित कर रहा हूँ। मन भावनाओं से ओत-प्रोत है। विश्वास नहीं हो रहा है कि ओस की बूँद से होती हुई यह सृजन यात्रा आप सभी के स्नेह और आशीर्वाद से पूरित हो तृतीय कविता संग्रह तक आ पहुँची। आज शब्दाभाव की प्रतीति हो रही है, मन उहापोह से तरंगित है। सही मायने में यदि काव्य का सृजन कर पा रहा हूं तो यह मेरे प्रिय आराध्य राम के साथ-साथ आप सभी सुधीजनों के असीम स्नेह का प्रतिफल है। यह जो भी है आप सभी की अकारण अनुकंपा का प्रसाद है।

Antarman Ki Aawaz by Shivanna Malappa Hadimpur (Author)
₹350.00 Original price was: ₹350.00.₹300.00Current price is: ₹300.00.

Dhanak Neelima by Dr Neelima Pandey (Author)
₹350.00 Original price was: ₹350.00.₹300.00Current price is: ₹300.00.
Os ki Boond by Ashutosh Dwivedi (Author)
₹350.00 Original price was: ₹350.00.₹300.00Current price is: ₹300.00.
लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्। कारुण्यरूपं करुणाकरंतं श्रीरामचंद्रं शरणं प्रपद्ये ॥ आज आह्लाद और प्रसन्नता को हृदय में प्रतिष्ठित कर आप सभी को अपना तृतीय कविता संग्रह ओस की बूँद समर्पित कर रहा हूँ। मन भावनाओं से ओत-प्रोत है। विश्वास नहीं हो रहा है कि ओस की बूँद से होती हुई यह सृजन यात्रा आप सभी के स्नेह और आशीर्वाद से पूरित हो तृतीय कविता संग्रह तक आ पहुँची। आज शब्दाभाव की प्रतीति हो रही है, मन उहापोह से तरंगित है। सही मायने में यदि काव्य का सृजन कर पा रहा हूं तो यह मेरे प्रिय आराध्य राम के साथ-साथ आप सभी सुधीजनों के असीम स्नेह का प्रतिफल है। यह जो भी है आप सभी की अकारण अनुकंपा का प्रसाद है।
17
People watching this product now!
Category: Literature & Fiction
Tags: Ashutosh Dwivedi, Os ki Boond
Description
Reviews (0)
Rated 0 out of 5
0 reviews
Rated 5 out of 5
0
Rated 4 out of 5
0
Rated 3 out of 5
0
Rated 2 out of 5
0
Rated 1 out of 5
0
Be the first to review “Os ki Boond by Ashutosh Dwivedi (Author)” Cancel reply
Related products
Jakhyam-E-Bewafai BY Praveen Tarar (Author)
Rated 0 out of 5
Jivasam
Rated 0 out of 5
Bhavanaon Ke Pankh By Shreemati Roopali Vashishtha
Rated 0 out of 5
Mrityu Ka Yoddha by Yashkirti Gangwar (Author)
Rated 0 out of 5
JEEVAN KE INDRADHANUSH By Kusum Tiwari Jhalli
Rated 0 out of 5
Tasveer ke Adhoore Rang By Aparna Garg
Rated 0 out of 5
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.