सर्व प्रथम मैं अपने प्रिय पाठकों का अभिवादन करता हूं। मेरे द्वारा रचित एक ग़ज़ल संग्रह “ज़ख्म ए बेवफाई” प्रकाशित हो रही है इस ग़ज़ल संग्रह में हर एक ग़ज़ल मैंने बड़ी शिद्दत से लिखने का प्रयास किया है । मुझे लगता है कि जब आप इसे पढ़ेगे तो इसमें लिखी गई हर एक ग़ज़ल को पढ़ने से पाठकों के ह्रदय को छू कर दिलों दिमाग में एक अलग तरह की अनुभूति का एहसास कराएंगी। मैं इस ग़ज़ल संग्रह को अपने प्रिय पाठकों को समर्पित करता हूं और पूर्ण विश्वास के साथ आशा करता हूं कि आप का प्यार मुझे हमेशा मिलता रहेगा। मैं सदैव आपके प्यार का ऋणी रहूंगा। मैं तहेदिल से सभी पाठकों का आभार प्रकट करता हूं।

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सर्व प्रथम मैं अपने प्रिय पाठकों का अभिवादन करता हूं। मेरे द्वारा रचित एक ग़ज़ल संग्रह “ज़ख्म ए बेवफाई” प्रकाशित हो रही है इस ग़ज़ल संग्रह में हर एक ग़ज़ल मैंने बड़ी शिद्दत से लिखने का प्रयास किया है । मुझे लगता है कि जब आप इसे पढ़ेगे तो इसमें लिखी गई हर एक ग़ज़ल को पढ़ने से पाठकों के ह्रदय को छू कर दिलों दिमाग में एक अलग तरह की अनुभूति का एहसास कराएंगी। मैं इस ग़ज़ल संग्रह को अपने प्रिय पाठकों को समर्पित करता हूं और पूर्ण विश्वास के साथ आशा करता हूं कि आप का प्यार मुझे हमेशा मिलता रहेगा। मैं सदैव आपके प्यार का ऋणी रहूंगा। मैं तहेदिल से सभी पाठकों का आभार प्रकट करता हूं।
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Category: Literature & Fiction
Tags: Jakhyam-E-Bewafai, Praveen Tarar
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