जब मेरा पहला काव्य-मधुकर और मैं, प्रकाशित हुआ तो मेरे कई परिचितों ने कहा कि तुम कहानी क्यों नहीं लिखती? आजकल साहित्य के क्षेत्र में गद्य पढ़ना लोग ज्यादा पसंद करते हैं। कविता या शायरी पढ़ने वाले उँगलियों पर गिने जा सकते हैं लेकिन कहानी या उपन्यास पढ़ने वाला वर्ग विस्तृत है। अगर साहित्य में स्थान बनाना हो तो गद्य में लिखना आरम्भ करो। यह सब सुनकर मन आहत हुआ। उस वक्त मेरे मन से एक ही बात निकली “जब तक सीने में दिल है और दिल में भावनाएँ कविता का अस्तित्व कभी समाप्त नहीं होगा “।

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जब मेरा पहला काव्य-मधुकर और मैं, प्रकाशित हुआ तो मेरे कई परिचितों ने कहा कि तुम कहानी क्यों नहीं लिखती? आजकल साहित्य के क्षेत्र में गद्य पढ़ना लोग ज्यादा पसंद करते हैं। कविता या शायरी पढ़ने वाले उँगलियों पर गिने जा सकते हैं लेकिन कहानी या उपन्यास पढ़ने वाला वर्ग विस्तृत है। अगर साहित्य में स्थान बनाना हो तो गद्य में लिखना आरम्भ करो। यह सब सुनकर मन आहत हुआ। उस वक्त मेरे मन से एक ही बात निकली “जब तक सीने में दिल है और दिल में भावनाएँ कविता का अस्तित्व कभी समाप्त नहीं होगा “।
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