प्रिय पाठक, “अंधेर नगरी” नाम से यह दूसरा व्यंग्य सग्रह आपको सौपते हुए मुझे हर्ष है । आशा करता हूं कि पहले व्यंग्य संग्रह “बस एक नज़्म और” की तरह यह भी आपको पसंद आएगा । प्रिय महानुभाव, यहां मैं यह बताना जरूरी समझता हूं कि लेखन के संस्कार मुझे पूज्य पिता स्वर्गीय पंडित गुणानंद थपलियाल जी से मिले जो स्वयं संस्कृत, गढ़वाली तथा हिंदी भाषाओं मे अनेक विधाओं-जैसे कविता, कहानी, नाटक आदि में लिखते थे । व्यंग्य विधा मे जो धार, जो पैनापन मुझे महसूस हुआ वह कहानी, कविता या लेखों मे नही हुआ । यही कारण है कि मैं अन्य विधाओं की अपेक्षा व्यंग्य लिखना ही ज़्यादा पसंद करता हूं । आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया ही मेरे भावी लेखन की दिशा और दशा तय करेगी । निवेदन है कि दो टूक टिप्पणी करके मेरे भावी लेखन का मार्ग प्रशस्त करें ।


Andher Nagari Part 2 BY Dr. Dinesh Chandra Thapliyal (Author)
₹350.00 Original price was: ₹350.00.₹300.00Current price is: ₹300.00.
प्रिय पाठक, “अंधेर नगरी” नाम से यह दूसरा व्यंग्य सग्रह आपको सौपते हुए मुझे हर्ष है । आशा करता हूं कि पहले व्यंग्य संग्रह “बस एक नज़्म और” की तरह यह भी आपको पसंद आएगा । प्रिय महानुभाव, यहां मैं यह बताना जरूरी समझता हूं कि लेखन के संस्कार मुझे पूज्य पिता स्वर्गीय पंडित गुणानंद थपलियाल जी से मिले जो स्वयं संस्कृत, गढ़वाली तथा हिंदी भाषाओं मे अनेक विधाओं-जैसे कविता, कहानी, नाटक आदि में लिखते थे । व्यंग्य विधा मे जो धार, जो पैनापन मुझे महसूस हुआ वह कहानी, कविता या लेखों मे नही हुआ । यही कारण है कि मैं अन्य विधाओं की अपेक्षा व्यंग्य लिखना ही ज़्यादा पसंद करता हूं । आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया ही मेरे भावी लेखन की दिशा और दशा तय करेगी । निवेदन है कि दो टूक टिप्पणी करके मेरे भावी लेखन का मार्ग प्रशस्त करें ।
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